tag:blogger.com,1999:blog-1705435736765077197.post8626306817580796037..comments2023-09-02T03:42:20.087-07:00Comments on घूमता चश्मा: हिंदी दिवस : लेखक, कवि और टिपण्णीहिमांशु पन्तhttp://www.blogger.com/profile/06846898954042796560noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1705435736765077197.post-84123286270840242422010-12-08T01:13:13.682-08:002010-12-08T01:13:13.682-08:00आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ बहुत सुन्दर अभिव...आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ......<br />कभी हमारे ब्लॉग पर भी आए //shiva12877.blogspot.comशिवाhttps://www.blogger.com/profile/14464825742991036132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1705435736765077197.post-3872559691098852012010-09-15T16:30:32.552-07:002010-09-15T16:30:32.552-07:00भाषा तो भाषा है, संप्रेष्ण का माध्यम. उर्दु मिली ह...भाषा तो भाषा है, संप्रेष्ण का माध्यम. उर्दु मिली हो, संस्कृत मिली हो, अंग्रेजी मिली हो..भाव संप्रेषित होना चाहिये किन्तु जब साहित्य की बात होगी, तब शुद्धता की बात होना जरुरी हो जायेगा.<br /><br />ब्लॉग, अभिव्यक्ति का एक माध्यम, निश्चित ही आपकी बात सही है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1705435736765077197.post-87448755476516915092010-09-15T00:29:53.912-07:002010-09-15T00:29:53.912-07:00आप के विचार से एकदम सहमत हूं...बधाई देना तो ठीक है...आप के विचार से एकदम सहमत हूं...बधाई देना तो ठीक है जिस हिंदी का हम इतना दम भरते हैं पूरा साल थैंक्स कहने में गंवाते है...धन्यवाद भी नहीं निकलता मुंह से...बहुत अच्छा लिखा है...बधाई...<br /><br />http://veenakesur.blogspot.com/वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.com